मंगलवार, 20 सितंबर 2016

अकबर-बीरबल की कहानी – 16

शराब के छह रूप.... कहानी का अंश... अकबर बादशाह को वृद्धावस्था में शराब का शौक कुछ ज्यादा ही हो गया था। रात में जब वे अपने नवरत्नों के साथ बातें करते तो उस वक्त थोड़ी-सी पी लिया करते थे। वे ऐसा छिपकर करते थे, फिर भी उनकी बातचीत के ढंग से बीरबल को एक दिन इसका पता चल ही गया। इसके बाद बीरबल ने एक दिन उन्हें शराब पीते हुए भी देख लिया। तभी उन्होंने बादशाह की इस बुरी लत को छुड़ाने का प्रण ले लिया। जिस कमरे में बादशाह शराब रखते थे, एक दिन बीरबल वहाँ गए और वहाँ की प्रत्येक वस्तु को ध्यान से देखा। इसके बाद वहाँ की सब चीजें तितरबितर कर के शराब की बोतल को बगल में दुशाले से ढँक कर तेजी से बाहर निकल आए। बीरबल को कुछ ले जाते हुए बादशाह ने दिख लिया मगर उन्होंने समझा कि बीरबल कुछ आवश्यक कागज़ात ले जा रहे होंगे, यही सोचकर वे चुप रहे। उनके जाने के बाद कुछ आवश्यक बातें बादशाह को जानने की जरूरत महसूस हुई। उन्होंने बीरबल को बुलवाया। बगल में वही वस्तु दबाए हुए बीरबल बादशाह के पास आए। बातचीत करते समय बादशाह का ध्यान फिर उनकी बगल की तरफ गया और उन्होंने बीरबल से पूछा – बीरबल, तुम्हारी बगल में क्या है? बीरबल ने उत्तर दिया – कुछ भी तो नहीं है, जहाँपनाह। बीरबल के उत्तर से बादशाह की उत्सुकता और बढ़ गई। उन्होंने फिर पूछा तो बीरबल बोले – तोता है। क्या वजह थी कि बीरबल बादशाह को इस तरह का जवाब दे रहे थे? बीरबल के इस जवाब से बादशाह की क्या प्रतिक्रिया हुई? क्या बीरबल बादशाह की शराब पीने की बुरी लत छुड़ा पाए? यह जानने के लिए ऑडियो की मदद लीजिए...

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