गुरुवार, 4 अगस्त 2016

बाल कविता - तिल्लीसिंह... - रामनरेश त्रिपाठी

कविता का अंश...पहने धोती कुरता झिल्ली, गमछे से लटकाए किल्ली, कस कर अपनी घोड़ी लिल्ली, तिल्लीसिंह जा पहुँचे दिल्ली! पहले मिले शेख जी चिल्ली, उनकी बहुत उड़ाई खिल्ली, चिल्ली ने पाली थी बिल्ली, तिल्लीसिंह ने पाली पिल्ली! पिल्ली थी दुमकटी चिबिल्ली, उसने धर दबोच दी बिल्ली, मरी देखकर अपनी बिल्ली, गुस्से से झुँझलाया चिल्ली! इस अधूरी कविता को पूरा सुनने के लिए ऑडियो की सहायता लीजिए...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Labels