शुक्रवार, 5 अगस्त 2016

बाल कविताएँ - दीनदयाल शर्मा

कविता का अंश... नानी मेरी न्यारी है सब दुनिया से प्यारी है । मुझको रोऽऽज़ पढ़ाती है होमवर्क करवाती है । समझ ना आए कोई पाठ तो बिन मारे समझाती है । मीठे जल की झारी है नानी मेरी न्यारी है । सोने से पहले यह मुझको लोरी रोज़ सुनाती है नींद न आए मुझे कभी तो सिर मेरा सहलाती है । फूलों की फुलवारी है नानी मेरी न्यारी है । मामा-मामी, बहन और भाई सारे आज्ञाकारी हैं । घर नानी का, घर जैसा है रंग-रंगीली क्यारी है घर की छत है नानाजी तो नानी चारदीवारी है । नानी मेरी न्यारी है सब दुनिया से प्यारी है ।। ऐसी ही अन्य बालसुलभ कोमल भावनाओं की कविता सुनने के लिए ऑडियो की मदद लीजिए...

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