गुरुवार, 18 अगस्त 2016

रक्षाबंधन पर कविता - 3 - प्रेरणा गुप्ता

मनमोहिनी राखी... कविता का अंश... आया देखो रंगबिरंगी राखी का त्यौहार, बहन हाथ में हिना रचाकर मैके को तैयार। राखी ले कर आए बहना भाई निहारे द्वार, छलक रहा है मन ही मन में प्यार व लाड़-दुलार। रेशम-धागों में बाँधा विश्वास भरा इजहार, लाती है बहना भाई हित मनमोहक उपहार। भाई पुलकित होता जाए राखी-डोर निहार, रोली कुमकुम रचे लगे ज्यों कोई राजकुमार। बहन निहारे भाई को जी- भर कर नजर उतार, भाई रूठ जाय तो बहना करती है मनुहार। इस अधूरी कविता को पूरा सुनने के लिए ऑडियो की मदद लीजिए...

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