बुधवार, 8 जून 2016

एन. रघुरामन - जीने की कला - 9

दिव्य दृष्टि के श्रव्य संसार में हम लेकर आए हैं एन.रघुरामन की जीने की कला, जिसमें यह बताया गया है कि हमारी कार्य प्रणाली आगामी दस वर्षों में नाटकीय तरीके से बदलनेवाली है और बेहतर है कि आज से ही शुरू किया जाए और इसका सामना करने के लिए हम तैयार हो जाएँ। जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए नवीनता को स्वीकार करना ही होता है। नए का स्वागत एवं पुराने का अनुभव जीवन को एक नई दिशा देता है। तकनीक के इस नए दौर में हमें जुड़ना होगा तभी हम स्वयं के लिए अवसर खोज पाएँगे अन्यथा पीछे रह जाएँगे। हर कहीं प्रतिस्पर्धा का दौर है। समय में बदलाव तेजी से आ रहा है। बदलते समय की आँधी में जो नहीं बहा, उसे पछाड़ खाकर गिरने से कोई नहीं रोक सकता। कुछ ऐसी ही प्रेरणादायक बातें जानते हैं इस ऑडियो के माध्यम से….

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Labels