गुरुवार, 31 मार्च 2016
बाल कहानी - कौन था वह
विजयपुर में राजा विजयेंद्र प्रताप राज्य करते थे। वह बड़े ही दयालु, वीर और न्यायप्रिय राजा थे। उनके राज्य में प्रजा सुखी थी। राज्य कर्मचारी न तो अधिक कर लेते और न ही बिना किसी कारण के लोगों को परेशान करते। राजा को बस एक ही बात की चिंता थी कि उनकी कोई संतान नहीं थी। इस बात को लेकर वे हमेशा दुखी रहा करते थे। एक बार उनके राज्य में एक संन्यासी आए। उन्होंने राजा को एक यज्ञ करने की सलाह दी। कुछ समय बाद राजा को एक पुत्र की प्राप्ति हुई। अधिक लाड़-प्यार में पलने के कारण राजकुमार बहुत अधिक आलसी और आरामपसंद था। वह राजकाज और अध्ययन में ध्यान नहीं देता था। एक दिन एक अनहोनी हुई जिसके कारण राज्य का सारा भार राजकुमार पर आ पड़ा। क्या राजकुमार वो जिम्मेदारी संभाल पाया, राजा का क्या हुआ, राज्य की प्रजा पर क्या गुजरी, वह अपने नए राजा से खुश थी या नहीं, इन सभी प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए सुनिए अनूप श्रीवास्तव की बाल कहानी - कौन था वह...
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दिव्य दृष्टि,
बाल कहानी
जीवन यात्रा जून 1957 से. भोपाल में रहने वाला, छत्तीसगढ़िया गुजराती. हिन्दी में एमए और भाषा विज्ञान में पीएच.डी. 1980 से पत्रकारिता और साहित्य से जुड़ाव. अब तक देश भर के समाचार पत्रों में करीब 2000 समसामयिक आलेखों व ललित निबंधों का प्रकाशन. आकाशवाणी से 50 फ़ीचर का प्रसारण जिसमें कुछ पुरस्कृत भी. शालेय और विश्वविद्यालय स्तर पर लेखन और अध्यापन. धारावाहिक ‘चाचा चौधरी’ के लिए अंशकालीन पटकथा लेखन. हिन्दी गुजराती के अलावा छत्तीसगढ़ी, उड़िया, बँगला और पंजाबी भाषा का ज्ञान. संप्रति स्वतंत्र पत्रकार।
संपर्क:
डॉ. महेश परिमल, टी-3, 204 सागर लेक व्यू होम्स, वृंदावन नगर, अयोघ्या बायपास, भोपाल. 462022.
ईमेल -
parimalmahesh@gmail.com
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