सोमवार, 26 अक्तूबर 2015

कविता लिखो नहीं इतिहास बनो तुम

श्रीकृष्‍ण सरलजी की ओजपूर्ण कविता लिखो नहीं इतिहास बनो तुम वास्‍तव में देश के नौजवानों के लिए एक आह़वान है कि वे देश्‍ा और समाज के प्रति अपना कर्तव्‍य समझें और उन्‍हें पूरा करने के लिए दृढप्रतिज्ञ बनें।

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